मॉब लिंचिंग की बढ़ती वारदातों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और राज्य सरकारों से माँगा जवाब
मॉब लिंचिंग की बढ़ती वारदातों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और राज्य सरकारों से माँगा जवाब
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नई दिल्‍ली : मॉब लिंचिंग की बढ़ती वारदातों पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है. शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दाखिल कर मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए 2018 के अदालत के दिशा निर्देशों पर सख्ती से अमल कराने की मांग की गई है. दरअसल, गत वर्ष शीर्ष अदालत ने मॉब लिंचिंग मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किया था. 

अदालत ने मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम पर हो रही हत्याओं को लेकर कहा था कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता. भय और अराजकता की स्थिति में प्रदेश सरकारें सकारात्मक रूप से कार्य करें. अदालत ने संसद से ये भी कहा था कि वो देखे कि इस तरह की वारदातों के लिए कानून बन सकता है क्या?

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को दी गई गाइडलाइन जारी करने के लिए कहा था. सर्वोच्च न्यायालय ने जाति और धर्म के आधार पर मॉब लिंचिंग के शिकार बने लोगों को हर्जाना देने की मांग कर रही लॉबी को भी बड़ा झटका दिया था. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने वकील इंदिरा जयसिंह से असहमति व्यक्त करते हुए कहा था कि इस किस्म की हिंसा का शिकार कोई भी हो सकता है, केवल वो ही नहीं जिन्हें धर्म और जाति के आधार पर टारगेट किया जाता है.  

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