3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, ख़ारिज की पुनर्विचार याचिका
3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, ख़ारिज की पुनर्विचार याचिका
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नई दिल्ली: बिहार के लगभग साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को सर्वोच्च न्यायालय से तगड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने नियोजित शिक्षकों की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल शीर्ष अदालत ने अपने 10 मई के फैसले पर पुनर्विचार से साफ़ इंकार किया है. सर्वोच्च न्यायालय ने साफ-साफ कहा है कि फैसले में कोई गलती नहीं है इसलिए निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ 12 पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. 

उल्लेखनीय है कि बिहार में लगभग 3.7 लाख नियोजित शिक्षक कार्य कर रहे हैं. शिक्षकों के वेतन का 70 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार और 30 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार देती है. वर्तमान में नियोजित शिक्षकों (ट्रेंड) को 20-25 हजार रुपए सैलरी मिलती है. यदि समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग मान ली जाती है तो शिक्षकों कि सैलरी  35-44 हजार रुपए हो जाएगी.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बिहार सरकार का समर्थन करते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन कि मांग पर विरोध जताया था. अदालत में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के स्टैंड का समर्थन किया था. केंद्र सरकार की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल 36 पन्नों के हलफनामे में कहा गया था कि इन नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन प्रदान नहीं किया जा सकता क्योंकि समान कार्य के लिए समान वेतन की श्रेणी में ये नियोजित शिक्षक नहीं आते.  

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