नई दिल्ली : प्रतियोगी परीक्षाओ में बढ़ रहे अपराधों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने AIPMT में हिजाब पहनकर परीक्षा देने की मांग को अस्वीकृत कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक दिन हिजाब न पहनने से आस्था समाप्त नहीं हो जाएगी. चीफ जस्टिस दत्तू ने सुनवाई के दौरान कहा, “अगर आप एक दिन बिना हिजाब के एग्जाम सेंटर चले जाएंगे तो आपकी आस्था को कोई नुकसान नहीं होगा और ना ही आपकी आस्था एक दिन में समाप्त हो जायेगी.
परीक्षा में हिजाब पहनने पर प्रतिबन्ध लगाने के सम्बन्ध में चीफ जस्टिस एच.एल. दत्तू की बेंच ने सीबीएसई के नोटिफिकेशन को उचित मानते हुए कहा कि यह बहुत मामूली बात है. कोर्ट ने कहा कि AIPMT एग्जाम को फिर से कराए जाने की जरूरत है क्योंकि पहले की परीक्षा को उचित ढंग से संचालित नहीं किया जा सका था. कोर्ट ने कहा, “परीक्षक हर किसी की आस्था को नहीं जांच सकते. इस बार उन्हें यह परीक्षा उचित ढंग से संचालित करवानी होगी.
गौरतलब है कि CBSE ने एक आदेश में कहा था कि 25 जुलाई को होने वाली AIPMT में स्कार्फ या फुल स्लीव पहन कर आने पर प्रतिबन्ध लगाया जाएगा. CBSE के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी. मुस्लिम स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने पर कई मुस्लिम धार्मिक संस्थाओ ने आपत्ति जाहिर की थी. मुस्लिम धार्मिक संस्थाओ का कहना है कि स्कार्फ और फुल स्लीव पहनने पर प्रतिबन्ध उचित नहीं है. इससे उनकी धार्मिक आस्था आहात होती है.