नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर और छह अन्य पत्रकारों को फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिल गई है. शीर्ष अदालत ने गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली हिंसा को लेकर किए गए इनके ट्वीट से संबंधित मामलों में किसी भी एजेंसी द्वारा गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते बाद इस मामले की फिर सुनवाई होगी. अगली सनुवाई तक गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की तीन जजों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. शशि थरूर की तरफ से दाखिल की गई याचिका में राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, विनोद के जोस, परेश नाथ, अनंत नाथ और उनके खिलाफ पुलिस केस को खत्म करने की मांग की थी. देश की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी पर ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत पर भ्रामक ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए इन सभी पर देशद्रोह समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था. इनके खिलाफ पांच राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
सुनावई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किसी भी तरह की राहत का विरोध किया. मेहता ने कोर्ट में कहा कि "इन ट्वीट्स का गणतंत्र दिवस पर भयानक प्रभाव था." वहीं थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि थरूर दिल्ली में हैं और उन्हें एजेंसियां अरेस्ट कर सकती हैं.
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