नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने तमिलनाडु उच्च न्यायालय के उस फैसले को बदल दिया है जिसमें शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया था. अदालत ने कहा है कि यह तमिलनाडु सरकार पर है कि वो किस तरह शराब बेचना चाहती है. शराब बिक्री का काम जमीन पर कैसे किया जाएगा, यह अदालत तय नहीं करेगी. यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए शराब बिक्री किस तरह की जाएगी, यह तमिलनाडु सरकार खुद निर्धारित करे.
इससे पहले तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (TASMAC) ने शीर्ष अदालत में उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. TASMAC ने याचिका में कहा था कि उच्च न्यायालय यह तय नहीं कह सकता कि शराब की बिक्री केवल ऑनलाइन या होम डिलीवरी के माध्यम से ही की जा सकती है. शीर्ष अदालत ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया था. शुक्रवार को अदालत ने भी माना कि अधिनियम राज्य निर्धारित करेगा.
इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने 8 मई को आदेश जारी करते हुए कहा था कि कोरोना संकट के दौरान ठेकों के बाहर ग्राहकों में सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन नहीं हो रहा है. इसलिए राज्य में शराब की दुकानें बंद की जाएं. हालांकि उच्च न्यायालय ने शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी करने की बात भी कही थी.
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