सुप्रीम कोर्ट की कमिटी को नहीं मिले Pegasus से जासूसी के सबूत ?
सुप्रीम कोर्ट की कमिटी को नहीं मिले Pegasus से जासूसी के सबूत ?
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नई दिल्ली: भारत में पेगासस (Pegasus) स्पाईवेयर का मुद्दा एक बार फिर गरमा सकता है। दरअसल, ऐसी ख़बरें हैं कि सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई जल्द हो सकती है। बता दें कि, इस मामले में केंद्र सरकार पर आरोप लगाए गए थे इजरायली कंपनी द्वारा बनाए गए इस स्पाईवेयर के जरिए कई रसूखदार लोगों की जासूसी की गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की जांच के लिए समिति का भी गठन किया गया था। वहीं, सदन में भी विपक्षी दलों की ओर से इस मुद्दे को लेकर जमकर बवाल हो चुका है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट एक्सपर्ट कमेटी की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर जल्दी सुनवाई कर सकता है। रिटायर्ड जस्टिस आरवी रविंद्रन की निगरानी में रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसके अलावा 21 अक्टूबर 2021 को चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना के नेतृत्व में गठित बेंच में तीन और जज शामिल थे। आरोप लगाए गए थे कि पेगासस के माध्यम से कई राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों की जासूसी की गई थी।

जुलाई में ग्लोबल मीडिया कंसोर्टियम ने खुलासा किया था कि भारत और अन्य देशों में हजारों लोगों की संभावित रूप से जासूसी की गई है। इस स्पाईवेयर को इजरायल की कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया था। कंपनी का कहना था कि वह सिर्फ सरकारी एजेंसियों को ही यह स्पाईवेयर बेचती है। इस मामले में सरकार की ओर से सफाई देने की मांग की जा रही है।  हालांकि, अभी तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कि गई समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। बताया जा रहा है कि पैनल को जांच किए गए फोन्स में जासूसी के सबूत नहीं मिले हैं। 

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