इस दिवाली पटाखे फोड़ने के लिए मिल सकते हैं महज 5 घंटे
इस दिवाली पटाखे फोड़ने के लिए मिल सकते हैं महज 5 घंटे
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नई दिल्ली : दिवाली और दशहरे पर पटाखों की आतिशबाजी हर किसी को लुभाती है। इस दौरान बच्चे सबसे ज़्यादा उत्साहित रहते हैं। मगर इनमें से ही कुछ ऐसे बच्चे भी सामने आए जिन्होंने प्रदूषण और अन्य कारणों का हवाला देते हुए पटाखे चलाने को सीमित किए जाने की बात कही। दरअसल एक अंगे्रजी अखबार में इस आशय का समाचार प्रकाशित किया गया कि तीन बच्चों की ओर से याचिका दायर की गई। चीफ जस्टिस एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताभ राॅय की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की।

उल्लेखनीय है कि यह याचिका अर्जुन गोयल और आरव भंडारी द्वारा दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने फंडामेंटल राईट्स के लिए बच्चों को आवाज़ उठाने का अधिकार भी दिया है। बच्चों द्वारा माता - पिता और गार्जियन के सहारे याचिका दायर करने की बात कही गई। इन बच्चों ने कहा कि उनके फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हैं और वे बेहद कमजोर हैं। जिसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की। 

माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय दीपावली तक पटाखे छोड़े जाने के लिए शाम 5 बजे से 10 बजे तक का समय तक कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो इसके विरोध में भी कई संगठन खड़े हो सकते हैं। इसका सीधा असर फायर क्रेकर्स विक्रेताओं को हो सकता है। मिली जानकारी के अनुसार बेंच ने साॅलिसिटर जनरल रंजीत कुमार और एडिशनल साॅलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने इस मामले में पिटीशन दायर कर दी है। 

जिसमें कहा गया है कि सरकारी विभाग से सलाह लेकर एक सप्ताह में उत्तर दिया जा सकता है। न्यायालय द्वारा इस मामले की सुनवाई 27 अक्टूबर को की जाएगी। इस दौरान न्यायालय से यह भी मांग की गई कि पटाखे चलाने का समय शाम 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक ही रखा जाए। मगर इस बीच यह बात भी सामने आई कि यह समय बहुत ही कम है। ऐसे में इसे शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक तय किया जाए। इस दौरान यह भी कहा गया है कि कम खतरे वाले पटाखे को दिए जाने वाले लाइसेंस को लिमिटेड करना।

यही नहीं दिवाली के साथ दशहरे के बीच कुछ समय के लिए पटाखे चलाने के लिए दिए जाने वाले लाईसेंस को भी सीमित करने की मांग न्यायालय से इस याचिका में की गई है। इस तरह की याचिका का असर फायर क्रेकर्स पर होगा। माना जा रहा है कि दीपावली पर स्थानीय निकायों से लायसेंस लेकर व्यापार करने वाले पटाखा विक्रेताओं का कारोबार भी इससे सीमित हो जाएगा।

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