नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत में सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जानकारी देते हुए बताया है कि जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा चालू करने के मसले पर स्थिति की समीक्षा के लिए विशेष कमेटी गठित की जा चुकी है. इसमें शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी, जिसकी सुनवाई में सोलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के पिछले आदेश के अनुसार विशेष कमेटी का गठन किया गया है.
उन्होंने बताया कि ये कमेटी प्रत्येक जिले में स्थिति का निरिक्षण करेगी और पता करेगी कि कहां 4G सेवा बहाल की जा सकती है और कहां नहीं. दरअसल, आतंकवादी गतिविधियों और देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 4G सेवा देना घातक रहेगा. इसके लिए शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि पढ़ाई, चिकित्सा सेवा और बिजनेस आदि के लिए 4G की बेहद आवश्यकता है. क्योंकि 2G सेवा से ये काम संभव नहीं है.
आपको बता दें कि फिलहाल जम्मू-कश्मीर में केवल 2G सेवा ही मौजूद है. इस जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने सरकार को आदेश दिया था कि वह विशेष कमेटी का गठन किया जाए। जो राज्य में लोगों की आवश्यकता और देश की सुरक्षा के बीच संतुलन कायम करते हुए राज्य के प्रत्येक जिले में सुरक्षा व 4G की उपलब्धता पर अपनी रिपोर्ट दे.
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