नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने अयोध्या भूमि विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अंग्रेजी के मशहूर कवि विलियम वर्ड्सवर्थ की कविता का उल्लेख किया है, जो धर्म से संबंधित है. अंग्रेजी के रोमांटिक कवि की कविता की चर्चा शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के पांच जजों में से एक ने की. उन्होंने भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर भिन्न दृष्टिकोण को रखा.
फैसले में यह नहीं कहा गया है कि किस न्यायाधीश ने धर्म के संबंध में वर्ड्सवर्थ की कविता का उल्लेख किया. न्यायाधीश ने कहा कि धर्म और आस्था आध्यात्मिक जीवन को प्रोत्साहन देते हैं. उनके मुताबिक, हिंदुत्व को प्रसिद्ध विद्वानों एवं विधिवेत्ताओं ने समय-समय पर परिभाषित किया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्मो का सार एक है और वह सत्य की खोज, आत्मा के बारे में और अधिक जानकारी और सर्वोच्च सत्ता के बारे में और ज्यादा जानकारी, जो कि एक है और सभी धर्मो में जिसकी पूजा की जाती है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि सभी धर्मो में ईश्वर की महिमा का बखान किया गया है, जिससे हम जुड़ना चाहते हैं. वर्ड्सवर्थ ने अपनी एक बेहतरीन कविता में भी यही बात कही है. उसके बाद उन्होंने 'ओड इंटीमेशंस ऑफ इम्मोर्टलिटी फ्रॉम रिकलेक्शंस ऑफ अर्ली चाइल्डहुड' शीर्षक वाली कविता का उल्लेख किया.
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