क्या जाति के आधार पर होनी चाहिए जनगणना ? केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
क्या जाति के आधार पर होनी चाहिए जनगणना ? केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
Share:

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत में शुक्रवार (26 फरवरी) को जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) को लेकर सुनवाई की गई. पिछड़े वर्गों के लिए जाति-आधारित जनगणना की याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने केंद्र, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को नोटिस भेजा है. अदालत ने केंद्र से इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए कहा है.  

शीर्ष अदालत ने जी मल्लेश यादव द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके वकील जीएस मणि ने कहा कि इसी प्रकार की याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. कहा गया कि 2021 की जनगणना के फॉर्म में धर्म, SC/ ST स्टेटस का कॉलम है, किन्तु OBC स्टेटस के संबंध में कोई कॉलम नहीं है. याचिकाकर्ता के अनुसार, शिक्षा, रोजगार, चुनाव आदि में आरक्षण लागू करने में OBC की जातिगत जनगणना की बड़ी भूमिका है. 

बता दें कि देश में जातिगत आधार पर जनगणना की मांग लंबे समय से हो रही है. ऐसे में 2021 की जनगणना की प्रक्रिया के बीच जातिगत आधार पर जनगणना कराने की मांग जोर पकड़ने लगी है. सीएम नीतीश कुमार द्वारा हाल ही बिहार विधानसभा में जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में बयान दिया गया था.

'दाढ़ी बढ़ाने से कोई रविंद्रनाथ टैगोर नहीं बन जाता...', पीएम मोदी पर कांग्रेस का तंज

'अगर किसानों की बात नहीं सुनी तो बदल जाएगी सरकार...', किसान महापंचायत में बोले जयंत चौधरी

राज्यसभा से रिटायर होने के बाद पहली बार जम्मू पहुंचे गुलाम नबी आजाद, इस तरह हुआ स्वागत

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -