नाबालिग मुस्लिम लड़की का निकाह वैध या अवैध, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
नाबालिग मुस्लिम लड़की का निकाह वैध या अवैध, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
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नई दिल्ली: पति के पास भेजने की मांग कर रही नाबालिग मुस्लिम लड़की के मामले में सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई की गई. आज यूपी के गृह सचिव व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में हाजिर हुए. इस मामले में यूपी सरकार का जवाब न आने से नाराज़ सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के गृह सचिव को पेश होने के लिए कहा था. आज सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त नाराज़गी जताते हुए कहा है कि यह बहुत गंभीर मामला है और यूपी सरकार ने अब तक जवाब तक दाखिल नहीं किया.

शीर्ष अदालत ने यूपी के गृह सचिव से कहा कि यदि आपके डिपार्टमेंट का कोई मामला न्यायालय में लगा और आपकी ओर से कोई वकील या जवाब नहीं दाखिल किया गया तो आपको सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होना होगा. सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में 1 अक्टूबर को लड़की, लड़की के पिता और लड़की के पति को पेश होने के लिए कहा है. लड़की का कहना है कि उसने मुस्लिम कानून के अनुसार निकाह किया है. मुस्लिम क़ानून के अनुसार, शादी के लिए लड़की की न्यूनतम आयु 18 साल न होकर प्यूबर्टी (रजस्वला) की आयु है, जो उसकी हो चुकी है. इसलिए उसकी शादी को अवैध करार नहीं दिया जा सकता.

नाबालिग मुस्लिम लड़की ने इसी आधार पर शादी की निर्धारित संवैधानिक उम्र 18 वर्ष होने से पहले किए गए अपने विवाह को वैध घोषित करने की गुहार सर्वोच्च न्यायालय से लगाई है. आपको बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस नाबालिग लड़की के निकाह को अवैध ठहराते हुए, उसे नारी निकेतन में भेजने का आदेश दिया था. 

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