उज्जैन: राज्य सरकार को सिंहस्थ 2016 को लेकर हुए एक न्यायालयीन विवाद को लेकर सफलता मिली है। दरअसल मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने सिहस्थ में डोर - टू - डोर कचरा उठाने के अनुबंध को रद्द कर दिया था लेकिन इस मामले में जब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई तो सर्वोच्च न्यायालय ने इस अनुबंध को रद्द किए जाने के आदेश पर रोक लगा दी। इस आदेश के बाद सिंहस्थ के आयोजन में नगर निगम तय नियम के अनुसार डोर - टू - डोर कचरे का प्रबंधन करवा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय में अपील उज्जैन नग पालिक निगम द्वारा की गई थी। जानकारी के अनुसार इस मामले में अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सर्वोच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि सिहस्थ में जगह - जगह कचरे का ढेर लगा होने से बीमारियां फैलने का अंदेशा है। ऐसे में वेस्ट मैनेजमेंट की जरूरत है।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को सही बाते हुए काॅन्ट्रेक्ट रद्द करने के निर्णय पर रोक लगा दी। नगर निगम ने मुंबई की कंपनी ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट सेल प्रायवेट लिमिटेड को कूड़ा उठाने के लिए टेंडर दिया था। जिसे रद्द किए जाने की बात हाईकोर्ट ने की थी मगर अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में बड़ी राहत मिली है