नईदिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गोधरा में वर्ष 2002 में हुए उपद्रव से जुड़े घटनाक्रम को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। अपने निर्णय में एससी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को नकार दिया है। दरअसल यह मामला वर्ष 2002 में हुए उपद्रव के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों को दोबारा निर्मित करने और मरम्मत हेतु राज्य सरकार को वित्तीय मदद देने से संबंधित है।
इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि उपद्रव के तहत क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक ढांचों को फिर से निर्मित करने और उनकी मरम्मत करने हेतु गुजरात सरकार को भुगतान करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार की ओर से याचिका दायर की गई थी। हालांकि अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति पीसी पंत की पीठ के सामने कहा था कि राज्य सरकार उपद्रवों के तहत क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक ढांचों, दुकानों व घरों की मरम्मत और निर्माण कार्य हेतु अनुग्रह राशि का भुगतान करना चाहती है। हालांकि राज्य सरकार की योजना को मान लिया गया है।
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