नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय के एक बड़े फैसले से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के हाउस पर्चेसर को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में भूमि अधिग्रहण की बात करते हुए कहा गया कि किसानों को उनकी जमीन नहीं लौटाई जाएगी। यही नहीं मामले में कोर्ट ने लगभग 65 गांवों के किसानों की याचिका को रद्द कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से जहां आर्किट्रेक्ट्स, बिल्डर्स और हाउस पर्चेसरर्स को राहत मिली है वहीं किसानों को अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ा है।
मामले में न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को यथावत रखा है। किसानों द्वारा मामले में याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि ग्रेटर नोएडा में किसानों की जमीनों को गलत तरीके से हथिया लिया गया है। मामले में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से अनुमति तक नहीं ली गई और मनमाने तरीके से जमीन का अधिग्रहण कर दिया गया।
मामले में कहा गया कि यदि अधिग्रहण को लेकर नोटिफिकेशन गलत कर दिया गया था तो उन्हें अपील दायर करने में देर क्यों लगी। मामले में मुआवजा ले लिया गया और रिट दायर कर दी गई। मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को बहाल कर दिया। जिसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट सहित किसानों की अधिग्रहित जमीन से 10 प्रतिशत जमीन किसानों को दे दी गई थी।