सुप्रीम कोर्ट ने दिया जंगल की जमीन पर बने घरों को हटाने का आदेश, 10 हज़ार मकानों पर संकट
सुप्रीम कोर्ट ने दिया जंगल की जमीन पर बने घरों को हटाने का आदेश, 10 हज़ार मकानों पर संकट
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नई दिल्ली: हरियाणा के फरीदाबाद के अंतर्गत आने वाले खोरी गांव में अरावली जंगल की भूमि पर बने अवैध निर्माण को बेदखल किए जाने काम किया जा रहा है. इसे लेकर अवैध कॉलोनी, स्लमवासियों ने शीर्ष अदालत में एक याचिका डाली. इस याचिका को शीर्ष अदालत ने ख़ारिज करते हुए कहा है कि जंगल की जमीन से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

सर्वोच्च न्यायालय ने फरीदाबाद प्रशासन से कहा कि, अरावली जंगल में बने अवैध 10 हजार मकानों, फ्लैट्स को हटाने का निर्देश दे दिया है. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी की बेंच ने फरीदाबाद नगर निगम और हरियाणा पुलिस को निर्देश दिया है कि वो 6 हफ्ते के अंदर निष्कासन आदेश का पालन सुनिश्चित करें. शीर्ष अदालत, खोरी गांव में स्थित स्लम और अवैध मकानों पर की जा रही कार्रवाई पर स्टे लगाने की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. ये रिट पिटीशन अनुच्छेद 32 के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पुनर्वास नीति के खिलाफ दायर की गई है.

याचिका में दावा किया गया है कि फरीदाबाद नगर निगम ने कथित तौर पर 1700 लगभग स्लम को बिना नियम का पालन किए ही ढहा दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका की मांग के मुताबिक, अवैध निर्माण गिराए जाने के काम पर रोक लगाने से मना कर दिया है. इसके साथ ही नगर निगम से ये भी कहा है कि वो फरवरी 2020 के आदेश के मुताबिक, काम करे और जमीन खाली कराने के लिए उसे जिस किसी भी चीज की जरूरत होगी वो राज्य मुहैया कराएगा.

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