दिल्ली प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने मानी केजरीवाल सरकार की यह बड़ी मांग
दिल्ली प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने मानी केजरीवाल सरकार की यह बड़ी मांग
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नई दिल्ली: दिल्ली-NCR वायु प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों में निर्माण कार्यों को जारी रखने की इजाजत दे दी है। दिल्ली सरकार ने आज सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर करते हुए शहर में अस्पतालों की निर्माण गतिविधियों की अनुमति देने का अनुरोध किया था। इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। 

दिल्ली सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर की तैयारी करने और उसका सामना करने के लिए उसने अपने अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना आरंभ कर दिया था और 7 नए अस्पतालों का निर्माण भी चालू था, किन्तु निर्माण कार्यों पर बैन के कारण काम बंद हो गया है। इसके साथ ही, मरीजों के लाभ के लिए राजधानी में बेहतर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए 19 सरकारी अस्पतालों में कार्य किया जा रहा है।

वहीं केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के अपने निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा गठित उड़न दस्ते का गठन किया गया है। वहीं, शीर्ष अदालत ने कहा कि हमने देखा है, पता नहीं यह जानबूझकर है या नहीं, लेकिन मीडिया के कुछ वर्ग यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि हम खलनायक हैं और हम स्कूलों को बंद करना चाहते हैं। हम स्कूलों को बंद करना चाहते हैं। दिल्ली सरकार ने कहा था कि हम स्कूल बंद कर रहे हैं और घर से काम शुरू कर रहे हैं, लेकिन आज का अखबार देखें। बड़े घर से काम कर रहे हैं और बच्चे सुबह धुंध में स्कूल जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने आज से स्कूल बंद कर दिए हैं। 

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