'पति बॉर्डर पर है और आप गैर-मर्द के साथ होटलों में गईं...', दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी, जानें पूरा मामला
'पति बॉर्डर पर है और आप गैर-मर्द के साथ होटलों में गईं...', दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी, जानें पूरा मामला
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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक महिला द्वारा दाखिल की गई याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आपके पति बॉर्डर पर हैं और आप गैर मर्द के साथ होटल गईं। महिला ने बलात्कार के आरोपी की जमानत को निरस्त करने की मांग की थी। शीर्ष अदालत में जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को जमानत देने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं किया।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने महिला से कहा कि आप अपने बच्चों को घर पर छोड़ कर आरोपी के साथ होटलों में गई। आरोपी के साथ रहने के लिए आपने उसके पास के एक शहर में रूम पर किराए पर लिया। इस प्रकार आप अपने ITBP जवान पति का पैसा खर्च कर रही थीं। बॉर्डर पर तैनात उस बेचारे व्यक्ति को यह भी नहीं पता था कि उसकी बीवी घर पर क्या कर रही है। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सहमति से बने संबंध का मामला लगता है। इसलिए वे राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश में कोई दखल नहीं देंगे, जिसमें आरोपी को जमानत प्रदान की गई थी। 

वहीं महिला की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता को प्रताड़ित किया और उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और पैसे के लिए ब्लैकमेल भी किया। वकील ने इसके लिए बैंक के कुछ ट्रांसक्शन भी दिखाए और कहा कि हाई कोर्ट ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मगर वकील के दलील के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने महिला की याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल राजस्थान की निवासी महिला ने एक व्यक्ति और उसकी भाभी के ऊपर दुष्कर्म और पैसे के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था।

महिला ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह अपने दो बेटों संग राजस्थान के एक गांव में रहती है और उसका पति जम्मू में ITBP में तैनात था। एक दिन आरोपी की भाभी जो उसी के गांव में रहती है, उसने उसे घर पर बुलाया और नशे वाली चाय पिला दी। जिसके बाद आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके वीडियो बनाकर उसको ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। महिला ने आरोपी पर IPC की धारा 376 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 के प्रावधानों के तहत केस दर्ज करवाया था। बीते दिनों राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को जमानत दे दी थी। जिसे महिला ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।  

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