नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश के विभिन्न ट्रिब्यूनलों में रिक्त पदों (Vacancies in Tribunals) को भरने में देरी को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट ने पदों के रिक्त होने के कारण ट्राइब्यूलों के कामकाज को पंगु बनाने और लोगों को कानूनी उपायों से दूर करने पर गहरी नाराज़गी जाहिर की है.
प्रधान न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की बेंच ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो कोर्ट, केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों को तलब करेगी. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल (SC) तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि हम नहीं जानते कि आपका क्या स्टैंड है. आप ट्रिब्यूनल को जारी रखना चाहते हैं या इसे बंद करना चाहते हैं. इस पर CJI ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को ट्रिब्यूनल और रिक्तियों का ब्यौरा दिया है और फ़ौरन कार्रवाई की मांग की है. अन्यथा, शीर्ष अधिकारियों को अदालत के सामने हाजिर होना होगा.
अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मैंने ट्रिब्यूनल और रिक्तियों के नाम दिए हैं. कृपया एक हफ्ते के अंदर एक स्टैंड लें और अदालत को रिपोर्ट करें. यदि ऐसी नहीं होता है तो हम पूरे देश के सभी शीर्ष अधिकारियों को हमारे सामने हाजिर होने के लिए बुलाएंगे. “जिसपर एसजी मेहता ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं होगी. कृपया हमें 10 दिन का वक़्त दें.” अदालत ने सहमति जताते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख मुक़र्रर कर दी.
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