भीमा कोरेगांव केसः गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर 15 अक्‍टूबर तक रोक
भीमा कोरेगांव केसः गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर 15 अक्‍टूबर तक रोक
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नई दिल्लीः देश की दलित राजनीति को हिला देने वाले भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी गौतम नवलखा को बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने उनके गिरफ्तारी पर 15 अक्‍टूबर तक रोक लगा दी है। अदालत ने महाराष्‍ट्र से नवलखा के खिलाफ सबूत पेश करने को कहा है। ज्ञात हो कि गौतम नवलखा मामले से पहले चीफ जस्‍टिस रंजन गोगोई ने खुद को अलग किया और फिर दो जजों ने भी बारी-बारी से किनारा कर लिया। नवलखा को भीमा कोरेगांव व एल्‍गार परिषद मामलों में आरोपी बनाया गया है। नवलखा के तार माओवाद से जुड़े होने का आरोप है।

फिलहाल यह मामला पुणे पुलिस देख रही है। नवलखा के पक्ष को कोर्ट के समक्ष रखने का मौका देते हुए महाराष्‍ट्र सरकार ने कैविएट दाखिल की थी। यह कदम बांबे हाई कोर्ट से याचिका रद होने के तुरंत बाद उठाई गई। मामले में नवलखा समेत दस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था जिनपर एल्‍गार परिषद मीटिंग में शामिल होने का आरोप है। यह मीटिंग पुणे में 31 दिसंबर 2017 को की गई थी। इसी के एक दिन बाद 1 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगांव में जातिगत हिंसा हुई।

पुणे पुलिस ने नवलखा के साथ गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद नवलखा ने पुलिस से मामला खत्‍म करने की अपील की थी। इस अपील को बांबे हाई कोर्ट में सिरे से खारिज कर दिया गया। बता दें कि नवलखा के मामले से अभी तक मुख्य न्यायाधीश समेत कई जज खुद को अलग कर चुके हैं।

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