नई दिल्ली। पिछले कई महीनों से देश में विवादों में चल रहे दहेज उत्पीड़न कानून (498 A) के मामले में आज देश की सर्वोत्तम अदालत सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने अब आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी के नियम को बदल दिया है।
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दरअसल देश की सर्वोत्तम अदालत सुप्रीम कोर्ट आज शुक्रवार (14 सितंबर) को एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमे दहेज उत्पीड़न मामले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि इस नियम का कई लोग गलत फायदा उठा रहे है और इस वजह कई निर्दोषों को भी सजा भुगतना पड़ता है। इस मामले की सुनवाई करते वक्त मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा,जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए.एम.खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुराने फैसले में संशोधन कर दिया है। अब इस मामले में आरोपी की तुरंत गिरफ़्तारी आवश्यक नहीं है।
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इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि दहेज उत्पीड़न मामलों की शिकायत की जांच के लिए अलग से कमेटी बनाने की ज़रूरत नहीं है, यदि पुलिस को आरोपी को गिरफ़्तार करना जरुरी लगता है तो वो उसे गिरफ़्तार कर सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी अग्रिम ज़मानत का विकल्प चुन सकता है। कोर्ट के मुताबिक विक्टिम प्रोटेक्शन के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।
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