अलगाववादियों के आर्थिक मदद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
अलगाववादियों के आर्थिक मदद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
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नई दिल्ली- अलगाववादियों को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधा के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में कहा कि किसको सुविधा मिलनी चाहिए ये सरकार का काम है. अदालत इसमें दखल नहीं दे सकती है.

बता दें कि वकील एम एल शर्मा ने याचिका में मांग की थी कि सरकार की ओर से अलगाववादियों को विदेशी दौरे और अन्य सुविधाओं के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगायी जाए. याचिका में कहा गया है कि सरकार अलगाववादियों पर 100 करोड़ से अधिक रुपये खर्च करती है और वे देश विरोधी गतिविधियों में इन पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं.पिछले पांच वर्षों में अलगवावादियों पर 21 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किए जा चुके हैं

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि वह अपनी याचिका सूची में दर्ज कराएं. कोर्ट ने कहा. हम लोग भी ऐसी सोच रखते हैं. यहां बैठे सभी लोग ऐसा ही महसूस करते हैं.अलगाववादियों को दी जाने वाली मदद का 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठाती है, जबकि 10 फीसद खर्च राज्य सरकार के अधीन आता है. अब ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट ने इसे केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला बताया है तो देखना होगा कि केंद्र इस पर अपना क्या फैसला देता है.

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