नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी अदालत ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स को आदेशित किया है कि वह कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को गुड़गांव प्रोजेक्ट के फ्लैट का कब्जा दो दिन के अंदर देवें. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट का कब्जा देने में हुई देरी के लिए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है. गौरतलब है कि राज्यवर्धन सिंह राठौर ने यह फ्लैट 2006 में बुक कराया था.
गुड़गांव में पार्श्वनाथ के एक्जोटिका प्रोजेक्ट के इस फ्लैट के लिए राठौर ने 70 लाख रुपए चुकाए थे. तब बिल्डर पार्श्वनाथ ने राठौर से वादा किया था कि 2008-09 तक उनको फ्लैट दे दिया जाएगा लेकिन बिल्डर ने अपना वादा नहीं निभाया. बाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने बिल्डर पार्श्वनाथ को निर्देश दिया था कि राठौर द्वारा जमा की गई अग्रिम राशि पर उन्हें ब्याज और मुआवजा भी दे.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अमिताभ रॉय की पीठ ने इस मामले में निर्णय देते हुए कहा कि सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री को इस फ्लैट के लिए और पैसा पार्श्वनाथ को नहीं देना होगा. कोर्ट ने फैसले में पार्श्वनाथ को दो दिन के अंदर फ्लैट का कब्जा सौंपने का आदेश देकर मंत्री को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी पार्श्वनाथ को फटाकारा है और ग्राहकों को उनका पैसा लौटाने के निर्देश दिए थे.