नई दिल्ली: शुक्रवार को भारत की सर्वोच्च न्यायप्रणालिका तंत्र सुप्रीम कोर्ट ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के जरिए चलाए जा रहे सेक्स रैकेट के खिलाफ सुनवाई करने के लिए हामी भर दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस याचिका में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में अदालत में सुनवाई कर रहे कोर्ट की सोशल जस्टिस बेंच ने केंद्र सरकार को कहा है की वह देश में ऑनलाइन चल रहे चाइल्ड सेक्स रैकेट की जांच करके इसकी विस्तृत रिपोर्ट बना कर सौंपने की बात को दोहराया है.
अदालत को इस दौरान बताया गया था की तकरीबन 3000 पेडोफाइल (बाल यौन उत्पीड़क) सोशलमीडिया साइट्स फेसबुक पर इन बच्चों की आपत्तिजनक तस्वीरों को पोस्ट कर रहे है व इस पर दुसरो से राय मांगते है. तथा ऐसे में इन फोटोज में बहुत सी नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें भी सम्मिलित हैं, जिन्हें सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर काफी शेयर किया जा रहा है. अदालत में इसके लिए रेप और उत्पीड़न के विरुद्ध आवाज उठाने वाली समाजसेविका सुनीता कृष्णन ने यह याचिका लगाई थी.
अपनी इस याचिका में समाजसेविका सुनीता कृष्णन ने सोशल साइट फेसबुक को भी आरोपी बनाया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की वह केंद्र सरकार की रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णय ले पाएगा. बता दे की इसके लिए केंद्र सरकार को 8 जनवरी को अपना जवाब देना है.