नई दिल्ली: अयोध्या जमीन विवाद मामले में मध्यस्थता समिति की प्रगति रिपोर्ट आज यानी गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में पेश होगी. इसे पांच जजों की संविधान बेंच देखेगी. इस रिपोर्ट को देखने के बाद आज ही शीर्ष अदालत निर्धारित करेगा कि 25 जुलाई से विवादित भूमि मामले की रोजाना सुनवाई होगी या नहीं. बता दें, कुछ दिन पूर्व अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले के एक पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
अपनी याचिका में गोपाल सिंह ने कहा था कि मध्यस्थता कमेटी के नाम पर विवाद सुलझने के आसार बहुत कम हैं, क्योंकि इसमें तो केवल समय बर्बाद हो रहा है, इसलिए कोर्ट मध्यस्थता कमेटी समाप्त कर स्वयं सुनवाई करके मामले का निस्तारण करें. गोपाल सिंह के अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के सामने कहा था कि यह विवाद पिछले 69 सालों से अटका पड़ा है और मामले को समाधान करने के लिए शुरू की गई मध्यस्थता का रुख सकारात्मक दिखाई नहीं दे रहा है.
11 संयुक्त सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. यह विवाद मध्यस्थता के जरिए सुलझाना मुश्किल है. गोपाल सिंह विशारद की इस याचिका पर शीर्ष अदालत ने मध्यस्थता कमेटी से रिपोर्ट तलब की. इस प्रगति रिपोर्ट को आज शीर्ष अदालत के पांच जजों की संविधान बेंच देखेगी.
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