SC ने कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए सरकार को कहा नया ड्राफ्ट तैयार करे
SC ने कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए सरकार को कहा नया ड्राफ्ट तैयार करे
Share:

नई दिल्ली : जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को नया ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के प्रस्ताव को पांच जजों की स्पेशल बेंच ने स्वीकार करते हुए सरकार को यह निर्देश दिया है कि कोलेजियम व्यवस्था में सुधार के लिए नया मसौदा तैयार करे। जजों की नियुक्ति में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को देश भर से सुझाव मिल रहे है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर आम जन समेत सभी विशेषज्ञों से उनकी राय देने को कहा था। इसी के प्रतिउतर स्वरुप कानून मंत्रालय को करीब 3000 सुझाव आए है।

बुधवार को कोर्ट के समक्ष 15000 पन्ने के सुझाव सौंपे गए। फिलहाल जजों की नियुक्ति 1999 में बने मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) के आधार पर होती हैं। केंद्र सरकार ने इस मसले पर अपनी राय देते हुए कहा कि नियुक्ति में आवेदन और नामांकन की प्रक्रिया को अपनाकर ट्रांसपेरेंसी लाई जा सकती है। सरकार ने यह भी कहा कि निचली अदालतों के वकील कभी हाइकोर्ट के जज नही बन पाते क्यों कि वे कभी हाइकोर्ट ही नही पहुँच पाते। जजों की रिटायरमेंट आयु सीमा को 62 से बढ़ाकर 65 करने पर भी सरकार विचार कर रही है।

अटार्नी जनरल मुकुल ने बेंच से कहा कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया का नया ड्राफ्ट तैयार होना चाहिए। इस पर बेंच ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए उन्हें प्राप्त सुझावों के आधार पर एमओपी का मसौदा तैयार करने की अनुमति दी। हालांकि वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्माण्यम ने इसका जोरदार विरोध किया। सुब्रह्माण्यम ने कहा कि सरकार को यह काम कैसे सौंपा जा सकता है जबकि कोर्ट ने एनजेएसी को सिर्फ एक्जिक्यूटिव की दखलंदाजी रोकने के लिए रद किया था। कोर्ट ने सुब्रह्माण्यम की आशंकाओं पर कहा कि अभी सरकार महज मसौदा तैयार करेगी उस पर अंतिम फैसला कोर्ट ही लेगा।

बेंच ने कहा कि उसमें कोलेजियम की मदद के लिए एक स्वतंत्र निकाय होनी चाहिए। इससे नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने को ठोस आधार मिलेगा। नियुक्ति के लिए चुने गये उम्मीदवारों के खिलाफ आने वाली शिकायतों का आंकलन न्यायपालिका और सरकार दोनो करे। बेंच ने कहा कि न्यायाधीशों और वकीलों के खिलाफ पेशे से जुड़ी शिकायतों का आकलन न्यायपालिका को और उम्मीदवार की ईमानदारी की जांच सरकार को करनी चाहिये। रोहतगी ने पहले से खाली पड़े जज के पदों पर भी कहा कि इससे मामलों के निपटारे में विलंब होने का मुद्दा भी उठाया। कोर्ट इस मामले में गुरुवार को भी सुनवाई करेगी।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -