Jan 19 2016 09:53 AM
नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने एक सवाल दागते हुए पूछा कि क्या पंजाब में सिखों और कश्मीर में मुसलमानों को अल्पसंख्यक माना जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के नतीजे के मामले में सुनवाई कर रहा है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब की सिख शिक्षण संस्थाओं में सिखों को 50 फीसदी कोटा नहीं दिया जा सकता. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच में यह सवाल पूछा गया कि, क्या मुस्लिम जो कश्मीर में बहुसंख्यक हैं, फिर भी अल्पसंख्यक माने जा सकते हैं?
क्या पंजाब में सिख अल्पसंख्यक हो सकते हैं? क्या मेघालय में ईसाई अल्पसंख्यक हो सकते हैं?’ इस बेंच ने केंद्र सरकार को भी नोटिस थमाया है. साथ ही साथ पंजाब सरकार और एसजीपीसी ने दलील देते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वर्ष 2007 के फैसले में सिखों की जनसंख्या आदि के आंकड़ों को ध्यान में नही रखा गया है और न ही उनपर कोई विचार किया गया है.
गुरुद्वारा एक्ट के मुताबिक वर्ष 1925 में सिखों की एक परिभाषा दी गई है. लेकिन ऐसे में सिर्फ उस परिभाषा को ध्यान में रखकर किसी को सिख माना जा सकता है.
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