निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज का खर्च कितना हो ? SC ने केंद्र से मांगा जवाब
निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज का खर्च कितना हो ? SC ने केंद्र से मांगा जवाब
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नई दिल्ली: प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज की खर्च सीमा निर्धारित करने की याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार से जवाब चाहता है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से एक सप्ताह में स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाब लेने के लिए कहा गया है. इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह के बाद होगी.

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने निजी और धर्मार्थ अस्पतालों में फ्री या कम खर्चे में कोरोना उपचार पर केंद्र से जवाब मांगा था. केंद्र की तरफ से गुरुवार को हलफनामा दाखिल किया गया है. केंद्र ने कहा कि उसके पास प्राइवेट या धर्मार्थ अस्पतालों को कोरोना रोगियों को मुफ्त उपचार देने के लिए कोई वैधानिक शक्ति नहीं है. हलफनामे में केंद्र की मोदी सरकार ने कहा है कि क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट कानून, 2010 के तहत कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत यह अनिवार्य किया जाए कि सार्वजनिक जमीन पर चल रहे प्राइवेट अस्पताल कोरोना रोगियों क मुफ्त में उपचार करेंगे. इस तरह की नीतियों को केवल संबंधित राज्य सरकारों द्वारा ही लागू किया जा सकता है.

केंद्र सरकार ने कहा कि मुफ्त इलाज जैसी मांग से चेरिटेबल अस्पतालों के वित्तीय स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करेगा. यह न सिर्फ न्याय के हित में होगा, बल्कि वांछनीय होगा कि कोई भी आदेश जारी करने से पहले उक्त चैरिटेबल संस्थानों को सुनवाई का मौका दिया जाए क्योंकि इस आदेश से वो सीधे प्रभावित होंगे.

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