नहीं बदला फैसला, जय महल के शेयर देवराज-लालित्य के नाम
नहीं बदला फैसला, जय महल के शेयर देवराज-लालित्य के नाम
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को बरक़रार रखा गया है जिसमे जयपुर राजघराने के बहुचर्चित जय महल पैलेस होटल विवाद के बारे में याचिका थी. गौरतलब है कि हाई कोर्ट के द्वारा महारानी गायत्री देवी के थोड़े शेयर उनके पौत्र देवराज और साथ ही पौत्री लालित्य कुमारी को दिए जाने के आदेश दिए गए थे. आदेश के बारे में आपको बताये तो इसमें दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहा था कि जय महल होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के कुछ शेयर्स देवराज और लालित्य कुमारी के नाम कर दिए जाये.

गौरतलब है कि इसमें गायत्री देवी के 99 प्रतिशत शेयर है. इस मामले को ध्यान में रखते हुए जस्टिस एआर दवे और आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कंपनी लॉ बोर्ड (CLB) को लेकर हाई कोर्ट के आदेश को पलटने के फैसले को बिलकुल सही बताया है. इसके साथ ही कोर्ट ने गायत्री देवी के सौतेले बेटों पर 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में यह कहा गया है कि देवराज और लालित्य के पास कम्पनी के शेयर अपने नाम के अधिकार है और वे क़ानूनी उत्तराधिकारी है.

आखिर क्या है मामले में : - आपको बता दे कि राजा सवाई मानसिंह जयपुर के अंतिम राजा रहे, उनकी तीन पत्नियां थी. पहली पत्नी मरुधर कंवर, दूसरी पत्नी किशोर कंवर और तीसरी पत्नी गायत्री देवी थीं. जबकि देवराज और लालित्य के पिता जगत सिंह गायत्री देवी की संतान थे. जगत सिंह के द्वारा जब वसीयत बनाई गई थी तो उसमे कंपनी के शेयर के साथ ही अपनी सारी संपत्तियों का मालिक मां गायत्री देवी को बनाया गया था. गायत्री देवी ने अपनी वसीयत में यह बात कही थी कि उनके ना रहने के पश्चात उनकी सारी सम्पत्ति पौत्र देवराज और लालित्य को सौप दी जाएगी. गौरतलब है कि 29 जुलाई 2009 को गायत्री देवी की मृत्यु हो चुकी है.

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