नई दिल्ली। पिछले कई हफ़्तों से सुर्ख़ियों में चल रहे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विवादित मामले में आज (बुधवार 19 सितम्बर) देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अहम् सुनवाई करते हुए एक बड़ा फैसला किया है। कोर्ट के इस फैसले से उन 40 लाख लोगों को बड़ी राहत की साँस मिली है जिन्हे NRC की पिछली सूचि में अवैध घोषित कर दिया गया था।
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इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार को आदेश दिया है कि NRC की पिछली सूची में जिन लोगों के नाम नहीं आये है उनके दावे और आपत्तियों के निपटारे की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू कर दी जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पस्ट कहा है की ये पूरी प्रक्रिया 60 दिनों के अंदर-अंदर ख़तम कर ली जाए। इसके साथ कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस प्रक्रिया में वैध नागरिकों की पहचान करने के लिए कुल 10 तरह के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाए।
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गौरतलब है कि तक़रीबन दो महीनों पहले जुलाई में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ने असम में अपनी एक सूचि जारी की थी जिसके मुताबिक 40 लाख लोगों को अवैध घोषित किया गया था। इसके बाद से इस मुद्दे पर पुरे देश में सियासत गरमाई थी और कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरककर को घेरा था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा था।
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