क्या एक गवर्नर मंदिर नहीं जा सकता, क्योंकि वो 'मुस्लिम' है ?
क्या एक गवर्नर मंदिर नहीं जा सकता, क्योंकि वो 'मुस्लिम' है ?
Share:

कोच्ची: सुन्नी नेता अब्दुल हमीद फैजी ने सबरीमाला मंदिर जाने के लिए केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान पर भड़कते हुए कहा कि इस्लाम से बाहर जाने का रास्ता खुला हुआ है। दरअसल, केरल के गवर्नर, राज्य के प्रसिद्ध मंदिर सबरीमाला की यात्रा पर गए थे, जिस पर अब्दुल हमीद ने कहा कि आरिफ मोहम्मद आरिफ खान ने सभी अनुष्ठानों का पालन किया था जो एक धर्मनिष्ठ हिंदू करते हैं। 

सुन्नी नेता ने कहा कि, 'प्रिय दोस्तों, हमने गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को हाल ही में सबरीमाला मंदिर में पूजा करते हुए देखा। हमने उन्हें तमाम रस्मों को सच्चे रूप में करते हुए और इस प्रकार से उन्होंने इस्लाम से बाहर जाने का रास्ता खोल दिया है। गवर्नर आरिफ खान के नाम से यह धारणा बनेगी कि वह आस्था से मुसलमान हैं। उसके पास पैगंबर मुहम्मद का नाम है और आरिफ वह शब्द है जो उस शख्स को संदर्भित करता है जो अल्लाह को बहुत नज़दीक से जानता है।' अब्दुल हमीद ने कहा कि, हिजाब पर गवर्नर की टिप्पणी को किसी मुस्लिम द्वारा की गई टिप्पणी के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। ख़ास तौर पर, केरल के गवर्नर ने कर्नाटक में हिजाब समर्थक आंदोलन के खिलाफ स्पष्ट शब्दों में कहा था कि यदि ‘हिजाब के अधिकार’ के तर्क को स्वीकार कर लिया जाता है, तो मुस्लिम महिलाएँ हार जाएँगी। इसके साथ ही, उन्होंने निहित स्वार्थों के लिए हिजाब मुद्दे का लाभ उठाने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को भी फटकार लगाई थी। गवर्नर के खिलाफ हमले को जारी रखते हुए, सुन्नी नेता ने आगे कहा कि गवर्नर, इस्लाम का उपहास कर रहे हैं कि यह उन्हें भाजपा में नया स्थान दिलाएगा। 

अब्दुल हमीद ने आगे कहा कि, 'इस्लाम में एक शर्त है कि यदि कोई मुसलमान दूसरे धर्मों के पूजा स्थल पर जाता है, उनके रीति-रिवाजों का पालन करता है और उनकी प्रकार कपड़े पहनते हैं तो वह इस्लाम से बाहर हैं।' सुन्नी नेता बोले कि, 'यह एक निर्विवाद तथ्य है कि अगर कोई इस्लाम के मूल सिद्धांतों पर सवाल खड़े करता है, तो वह धर्म से बाहर हो जाएगा। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि आरिफ मोहम्मद खान गैर-मुस्लिम या काफिर बन गए हैं। फतवे जारी करना धार्मिक विद्वानों पर निर्भर है। मैं सिर्फ शरिया कानूनों की बात कर रहा हूँ।' उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि हिजाब और शरीयत के संबंध में बोलने वाले व्यक्ति इस्लामी विद्वान हैं या नहीं। उन्होंने अपने कार्यों से इस्लाम के बाहर जाने का काम किया है। हालांकि, यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि, धर्मनिरपेक्ष देश में हम आए दिन गंगा-जमनी तहजीब की दुहाई देते हैं, यहां हिन्दू अपने मुस्लिम भाइयों को ईद की बधाई देते हैं और कई स्थानों पर मुस्लिम भी दिवाली के जश्न में शरीक होते हैं। हर साल लाखों की तादाद में हिन्दू, अजमेर शरीफ, हाजी अली में जाकर सिर झुकाते हैं, ऐसे में एक गवर्नर अगर मंदिर चले जाते हैं, तो इससे किसी मजहब को क्या खतरा हो सकता है ? इस तरह से समाज को भड़काने वाले लोगों को जनता कब समझेगी ?   

 

50 साल थी उम्र, नियमित करते थे व्यायाम, मंत्री गौतम रेड्डी के निधन से हर कोई हैरान

'स्वास्तिक' भी नहीं पहचान पाई 'राजद', नाजियों का प्रतीक बताकर कह डाली ये बात

केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक बताने वाले कुमार विश्वास ने छोड़ा नया 'ट्वीट बम'

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -