दुनियाभर में कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है और इस दौर में फ्रंटलाइन वर्कर्स दिन-रात लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं। इस समय डॉक्टर्स अपना फर्ज निभा रहे हैं और लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। अब इसी बीच कॉमेडियन सुनील पाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने डॉक्टर्स को चोर और राक्षस कहा है। ऐसा करने से कॉमेडियन की मुसीबतें बढ़ गई हैं। जी हाँ, डॉक्टर्स के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करने की वजह से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
मिली जानकारी के तहत मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन में 4 मई को सुनील पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। बताया जा रहा है यह शिकायर असोसिएट ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट की प्रेसिडेंट डॉक्टर सुष्मिता भटनागर ने दायर करवा दी है। कुछ रिपोर्ट को देखे तो डॉक्टर सुधीर नाईक ने इस बारे में बताया है कि ''डॉक्टर भटनागर ने यह वीडियो 20 अप्रैल को पहली बार देखा था। वीडियो में सुनील पाल ने कहा है कि डॉक्टर्स भगवान का रुप होते हैं लेकिन इस समय 90 प्रतिशत डॉक्टर्स ने राक्षस का रुप धारण कर लिया है वह धोखाधड़ी कर रहे हैं। लोगों को कोविड संक्रमित बताकर भर्ती किया जा रहा है और उनके बिल बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं उनके मरने के बाद उनके शरीर से कई अंग भी निकाल लिए जा रहे हैं।''
वैसे जैसे ही सुनील पाल के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई वैसे ही उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर माफी मांग ली है। अपने नए वीडियो में उन्होंने कहा कि, '' यह वीडियो मैं माफी मांगने के लिए शेयर कर रहा हूं अगर मेरी बातों से किसी को आहत पहुंची हो तो माफी चाहता हूं लेकिन मैं अभी भी अपने कमेंट के साथ खड़ा हूं कि डॉक्टर्स को भगवान माना जाता है। मगर इस मुश्किल समय में गरीब इंसान परेशान हो रहा है। मैंने अपने वीडियो में 90 प्रतिशत डॉक्टर्स को दानव का रुप धारण कर लेना कहा है, बचे हुए 10 प्रतिशत डॉक्टर्स अभी भी अपनी ड्यूटी अच्छे से कर रहे हैं। डॉक्टर्स को बुरा मानने की जरुरत नहीं हैं जो अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं। साथ ही मेरे पास पुलिस की तरफ से अब तक कोई नोटिस नहीं आया है।''
आप सभी को बता दें सुनील पाल के पोस्ट किए हुए वीडियो की वजह से उनके खिलाफ दायर हुई एफआईआर की इंस्पेक्टर विजय बेलगे ने पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि, 'सुनील के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 और 502 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।'
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