सूर्य अलग-अलग राशि और नक्षत्र पर विराजमान होता है
सूर्य अलग-अलग राशि और नक्षत्र पर विराजमान होता है
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आज मिथुन संक्रांति मनाई जा रही है। साल में 12 संक्रांति होती हें। जिसमें सूर्य अलग-अलग राशि और नक्षत्र पर विराजमान होता है। मिथुन संक्रांति पर दान-दक्षिणा और पूजा-पाठ का विशेष महत्‍व होता है। यह संक्रांति इसलिए भी महत्‍वपूर्ण मानी जाती है क्‍योंकि इसके बाद से वर्षा ऋतु शुरु हो जाती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य के मिथुन राशि में जाने पर मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों को अच्छी सूचनाएं मिलेगी व पैसा मिलेगा।

ऐसे करें पूजा

इस दिन सिलबट्टे की भूदेवी के रूप में पूजा होती है। इसे दूध और पानी से स्‍नान कराया जाता है। इसके बाद चंदन, सिंदूर, फूल व हल्‍दी चढ़ाते हैं। पूजा के बाद पंडितों और गरीबों को दान किया जाता है। संक्रांति के दिन घर के पूर्वजों को श्रद्धांजलि भी दी जाती है। इस दिन विशेष रूप से पोड़ा-पीठा नाम की मिठाई बनाई जाती है। यह गुड़, नारियल, चावल के आटे व घी से बनती है। इस दिन चावल नहीं खाया जाता है।

ये तरीके दूर करेंगे आपके घर की पूर्व दिशा का वास्तुदोष

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