पीठ में दर्द होना एक सामान्य समस्या है, इससे सभी लोग ग्रस्त रहते हैं. लेकिन शायद आप ये नहीं जानते कि अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये बड़ी मुसीबत भी बन सकता है.लगातार घंटों एक ही जगह पर बैठकर काम करना, कुर्सी पर बैठने का गलत तरीका, सोते वक्त सही स्थिति न होना, व्यायाम न करना आदि कई बातें हैं जो आपके बैकपेन के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.
1-मन में किसी प्रकार की नाराजगी, गुस्सा या अफसोस है, तो उसे दिमाग से बाहर निकालने से भी बैक पेन की समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है.जिन लोगों की माफ करने, कम गुस्सा करने व दूसरों के प्रति मन में बुरे भाव नहीं होते हैं, वे बैक पेन से अपेक्षाकृत कम पीड़ित होते हैं. व्यक्ति के भावनात्मक स्तर व विचारों का मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव से सीधा लिंक होता है.
2-ऊंची एड़ी की चप्पल पहनने से स्पाइनल मसल्स यानी पीठ की मांसपेशियां ठीक प्रकार से काम नहीं कर पाती हैं. इसी कारण से बैक पेन की शिकायत होती है. लचकदार तथा आरामदायक जूते बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे आपके पैरों की सुरक्षा तो करते ही हैं साथ ही शरीर तथा रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखते हैं और मांसपेशियों में मोच यानी खिंचाव को रोकते हैं.
3-जो लोग सूरज की रोशनी में कम जाते हैं उनमें पीठ संबंधी समस्याएं अधिक होती हैं. गंभीर दर्द का संबंध सूर्य की रोशनी में मौजूद विटामिनों से है.पीठ दर्द को कम करने के लिए विटामिन डी की मात्रा का अधिक सेवन करना वास्तव में बहुत सहायक होता है.जो लोग पीठ की समस्या की शिकायत करते हैं उनके लिए विटामिन डी स्क्रीनिंग एक बहुत उपाय है .