यहाँ सूमो पहलवान जबरदस्ती रुलाते है अपने बच्चो को
यहाँ सूमो पहलवान जबरदस्ती रुलाते है अपने बच्चो को
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दुनियाभर में कई तरह की रस्मे होती हैं जो निभाई जाती है ऐसे में जापान एक अलग ही देश हैं जहाँ पर कई तरह की अजीब-अजीब रस्मों को निभाया जाता हैं. ऐसे में आज हम आपको जापान में निभाई जाने वाली एक रस्म के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे. जी दरअसल में जापान में एक अजीब तरह की परम्परा सूमो पहलवानों के द्वारा निभाई जाती है. यहाँ के सूमो पहलवान अपने बच्चो के एक परम्परा के तहत रुलाने की कोशिश करते है और जब तक वह नहीं रोते तब तक वह उन्हें रुलाते ही रहते हैं.

सुमों ऐसा करने के बाद जोर-जोर से हँसते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं. आइए अब जानते है इसके पीछे की वजह... जी दरअसल में सूमो पहलवान ऐसा एक परम्परा के तहत करते है जो 400 साल से चली आ रही हैं. कहा जाता है कि बच्चो को रुलाने से उनका भविष्य अच्छा होता है और वह बहुत ही खुश रहते हैं.

आप सभी को बता दें कि सूमो पहलवान ये सब एक त्यौहार के दौरान करते हैं जिसे नाजीकूमो त्यौहार कहा जाता हैं. यहाँ पर एक मंदिर है जिसका नाम सेनसोजी मंदिर है इस मंदिर के सामने एक जगह है जहाँ पर यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं. वाकई में यह अजीब है लेकिन परम्परा के तहत ये सब करना पड़ता है. सूमो इस दौरान रिंग बनवाते है और उसमे अपने नन्हें बच्चों को भी लाते है और जोर-जोर से उन्हें चिल्लाते है जिसके बाद बच्चे रोने लगते है और उनके रोने को सुबह माना जाता हैं.

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