'केजरीवाल सरकार के अधिकतर वादे और दावे झूठे...', RTI से खुली दिल्ली सरकार की पोल
'केजरीवाल सरकार के अधिकतर वादे और दावे झूठे...', RTI से खुली दिल्ली सरकार की पोल
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नई दिल्ली: दिल्ली के CM अरविन्द केजरीवाल जिस हेल्थ मॉडल को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, उसकी पोल एक बार फिर सबके सामने खुली है। गुजरात के एक एक्टिविस्ट द्वारा डाली गई  RTI में खुलासा हुआ है कि केजरीवाल सरकार ने जितनी नई एंबुलेंस खरीदी भी नहीं, उससे अधिक उन्होंने पुरानी वाली कबाड़ में बेची। Twitter और फेसबुक पर सक्रीय रहे वाले सुजीत पटेल ने इस RTI संबंधी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की है। Opindia को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्हें केजरीवाल सरकार के विज्ञापनों और दावों पर पहले ही शक था। ऐसे में असलियत जानने के लिए उन्होंने विभिन्न RTI डालकर सरकारी विभागों से जवाब माँगे।

 

सुजीत ने कहा कि RTI में वही बात निकल कर आई, जो अधिकतर जनता को और उन्हें पहले से लगती थी। इस RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केजरीवाल सरकार के अधिकतर दावे और विज्ञापन झूठे हैं। सुजीत पटेल द्वारा दाखिल की गई RTI में दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। सुजीत ने इसमें सवाल किया था कि 2014 के बाद दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कितनी पैसेंजर और लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस ख़रीदे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये भी पुछा कि तब से अब तक में कितनी एंबुलेंस कबाड़ में बेची गई। RTI के जवाब में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि 2014 से लेकर अप्रैल 2022 के बीच में केजरीवाल सरकार ने मरीज को लाने-छोड़ने वाली एक भी वाली एंबुलेंस नहीं खरीदी हैं। वहीं 9 एंबुलेंस ऐसी थी जिन्हें केजरीवाल सरकार ने 23, 659 रुपए में यानी कबाड़ के भाव में बेच दिया है।

 

इसी प्रकार 2014 से 2020 के मध्य केजरीवाल सरकार ने 10 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खरीदी, जिसमें ऑक्सीजन, ICU और ECG की सुविधा मौजूद थीं। मगर इसी बीच उन्होंने इन्हीं सुविधाओं से लैस 20 एंबुलेंस को 75, 246 रुपए की कीमत में बेच दिया। बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब सुजीत हिंदुस्तानी ने अपनी RTI के जरिए दिल्ली के हेल्थ मॉडल की पोल खोली हो। इस साल की शुरुआत में उन्हीं की RTI से ये खुलासा हुआ था कि केजरीवाल सरकार ने 2015 के चुनावों में वादा किया था कि यदि वो दोबारा सत्ता में आए तो दिल्ली को 4000 डॉक्टर और 15000 नर्स सहित पैरामेडिकल स्टाफ दिया जाएगा। मगर 2015 का चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल ने 2020 तक अपने वादे पूरे नहीं किए।

 

यही नहीं, एक RTI में ये भी सवाल किया गया कि 2015 के बाद और पहले दिल्ली में कितने स्वास्थ्य केंद्र मौजूद थे। जिसके जवाब में जानकारी मिली कि हकीकत में जब से केजरीवाल सरकार आई है उसके बाद से स्वास्थ्य केंद्रों में पहले के अनुपात में कम हुए हैं। बता दें कि एक तरफ दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल को लेकर सुजीत हिंदुस्तानी की RTI से आए दिन हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन इस वक़्त मनी लॉन्डरिंग मामले में जेल में कैद हैं।

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