इंदौर। देशभर में दीपावली के दूसरे दिन लोगों द्वारा एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाऐं दी जाती हैं लोग एक दूसरे को गले लगाकर और मिलकर दीपपर्व की खुशियों को साझा करते हैं। दीपावली के अगले दिन देशभर में और विशेषकर मालवा में सुहाग पड़वा का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान छोटों द्वारा बड़ों के पैर छूकर दीपावली के पर्व की शुभकामनाऐं दी जाती हैं और बड़े छोटों को आशीर्वाद देते हैं।
इस पर्व को सुहाग पड़वा नाम इस लिए दिया जाता है क्यों कि इस दिन परंपरा के अनुसार सुहागिनें बड़े - बुजुर्गों के पैर छूती हैं और बड़े - बुजुुर्ग उन्हें सदा सुहागन होने का आशीर्वाद देते हैं। कुछ समुदायों में मान्यता है कि पत्नी अपने पति के पैर छूती है और उन्हें पति से कुछ उपहार प्राप्त होता है।
इतना ही नहीं सुहाग पड़वा के साथ ही पर्व में गोवर्धन पूजा का आयोजन भी होता है। मालवा में जब छोटे बड़ों के पैर छूते हैं तो उसे धोक देना कहा जाता है। इस अवसर पर सभी दीपावली पर निर्मित व्यंजनों का आनंद लेते हैं। लोगों द्वारा दीपावली पर बनाई गई मिठाईयों और नमकीन व्यंजनों का आनंद लिया जाता है। ऐसे में लोग एक दूसरे के साथ खुशियों के पल साझा करते हैं और दीपपर्व का उल्लास मनाते हैं।