स्वामी ने GST पर यूपीए के फैसले की समीक्षा की मांग की
स्वामी ने GST पर यूपीए के फैसले की समीक्षा की मांग की
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नई दिल्ली : बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यूपीए सरकार के डाटा मैनेजमेंट और गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) में हिस्सेदारी का हिसाब किताब एक निजी कंपनी को सौंपने के फैसले की समीक्षा की मांग करके इस मुद्दे को फिर हवा दे दी है. बता दें कि यूपीए सरकार ने कर संग्रहण पर नियंत्रण के लिए गुड्स और सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) बनाया था जिसका जिक्र इस पत्र में किया गया है.

स्वामी के इस पत्र में इस संवेदनशील काम को प्राइवेट कंपनी को सौंपकर पिछली सरकार द्वारा बड़ी चालाकी से काम लेने का जिक्र किया गया है. कहा गया कि जीएसटीएन एक गैर सरकारी कंपनी है जिसे केंद्र व राज्यों ने स्थापित किया है. यह कंपनी इसलिए बनाई गई है ताकि केंद्र व राज्य सरकारों, करदाताओं व अन्य भागीदारों को साझा आईटी बुनियादी ढांचा व सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें.

मानसून सत्र के दौरान स्वामी का मौन रहना चर्चा का विषय रहा. पार्टी व्हिप में बंधे स्वामी ने हालांकि राज्यसभा में यूं तो बिल के पक्ष में ही वोट दिया था, लेकिन निजी रूप से उन्होंने पीएम को खत लिखकर जीएसटी पर अपना विरोध जता दिया है. उन्होंने ये साफ कर दिया कि इस बिल पर गृहमंत्री ने उनसे कोई सलाह नहीं ली, ना ही एक प्राइवेट कंपनी को ये संवेदनशील काम सौंपने से पहले उनसे पूछा गया. उनका कहना था कि इतना संवेदनशील डेटा किसी प्राइवेट कंपनी को सौंपना सही नहीं है.

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