आंबेडकर नहीं चाहते थे कश्मीर पर लगे धारा 370
आंबेडकर नहीं चाहते थे कश्मीर पर लगे धारा 370
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कानपुर : अभी तक हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हंगामा मचा हुआ था लेकिन अब कानपुर के वीएसएसडी महाविद्यालय में वैश्विक आतंकवाद के विषय पर सेमिनार को स्वामी द्वारा संबोधित किया गया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने वैश्विक आतंकवाद विषय पर अपने विचार रखे। उनका कहना था कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू इतने शिक्षित नहीं थे कि उनके नाम पर किसी भी विश्वविद्यालय का नाम रखा जाए। उनके द्वारा आरोप लगाया गया कि कश्मीर में धारा 370 लगाई गई, यह पं. नेहरू के कारण ही लगी थी लेकिन डाॅ. आंबेडकर ने इस धारा का विरोध किया था।

सुब्रहमण्य स्वामी ने यह भी कहा कि कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के पास है उसे वापस लिया जाना चाहिए और कश्मीरी पंडितों की घर वापसी भी होना चाहिए। जिसके लिए फाॅर्मूला सुझाया जाना चाहिए। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों के घरों में पूर्व सैनिकों को हथियारों के साथ ही कुछ समय के लिए रहने देना चाहिए। कुछ वर्ष बाद ही वहां कश्मीरी पंडितों को बसा देना चाहिए।

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने यह भी कहा कि देश के भिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश सहित लगभग 5 प्रतिशत लोग देशद्रोही हैं इसमें सबसे अधिक जेएनयू में मौजूद होने की बात भी उन्होंने कही। उन्होंने कहा कि जेएनयू में 5 प्रतिशत छात्र ऐसे हैं जो पढ़ना नहीं चाहते हैं बाकि सब पढ़ना चाहते हैं इसलिए राहुल का वहां जाने का अर्थ ही नहीं है। उन्होंने अयोध्या में श्री राम मंदिर के मसले पर कहा कि उनकी पार्टी का एजेंडा स्पष्ट है कि वे पहले श्री राम मंदिर का निर्माण करेंगे और फिर धारा 370 समाप्त होगी। 

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