2020 के पहले जेईई मेन्स में 8.69 लाख स्टूडेंट्स और नीट में 15 लाख परीक्षार्थी से इंजीनियरिंग में आयी रूकावट
2020 के पहले जेईई मेन्स में 8.69 लाख स्टूडेंट्स और नीट में 15 लाख परीक्षार्थी से इंजीनियरिंग में आयी रूकावट
Share:

इंजीनियरिंग के प्रति छात्रों के आकर्षण में अब ठहराव आ चुका है। इसके अलावा साल में दो बार परीक्षा करवाने के बावजूद बीते सात सालों में जेईई मेन्स के अभ्यर्थियों की संख्या में 33 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, इस अवधि में मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में छात्रों का संख्या 143 फीसदी बढ़ चुकी है। प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) सहित भारत के सभी प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जनवरी और अप्रैल में दो बार ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) करवाती है। इसमें 12वीं पास विद्यार्थी मौजूद होते हैं।वही जनवरी 2020 में हुई जेईई मेन्स के लिए 9.21 लाख परीक्षार्थियों ने पंजीकरण करवाया था। 8.69 लाख ही शामिल हुए और 52 हजार ने परीक्षा ही नहीं दी। इसके अलावा इस साल एमबीबीएस में दाखिले के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में 15 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।

वर्ष 2014 में हुए जेईई मेन्स में 12.34 लाख विद्यार्थी और ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (तब नीट नहीं था) में 6.16 लाख परीक्षार्थी थे। 2016 में नीट की शुरुआत हुई, जिसमें 7.31 लाख विद्यार्थी शामिल हुए और इसके बाद से बढ़ते गए। देश में उच्च शिक्षा के लिए इंजीनियरिंग व मेडिकल, दोनों ही प्रमुख विकल्प समझे जाते हैं। इनमें मौजूद होने वाले अधिकतर परीक्षार्थी 'मिलेनियल्स' यानी साल 2000 के बाद नई सहस्त्राब्दी में जन्मे हैं। इसके अलावा इंजीनियरिंग के प्रति घटता रुझान और मेडिकल में बढ़ी रुचि उनके बदले नजरिये को दर्शाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में नीट की वजह से एक साल एमबीबीएस व बीडीएस की सीटें हो जाने से भी रुझान बढ़ा है। 

मांग कम संख्या ज्यादा
इंजीनियरिंग स्नातकों की संख्या मांग की तुलना में दोगुने से भी अधिक बढ़ चुकी है। अनुमान है कि हर साल आठ लाख इंजीनियर बन रहे हैं, जिनमें पांच लाख को रोजगार नहीं मिल पा रहा। बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरियां अनिश्चितताओं से भरी हैं। उद्योगों का कहना है कि इंजीनियरिंग संस्थान पुराने कोर्स पढ़ा रहे हैं, जिनकी जरूरत कम है। प्रतिष्ठित कॉलेजों से बीटेक विद्यार्थी भी कमतर नौकरियों में जा रहे हैं तो कई मेक इन इंडिया व स्किल इंडिया से जुड़कर स्टार्ट-अप पर जोर दे रहे हैं। 

महंगी पढ़ाई, नौकरी नहीं
आईआईटी, एमएनआईटी में दाखिले के लिए आठ से 10 लाख विद्यार्थी दो से चार वर्ष महंगी कोचिंग लेते हैं। 23 आईआईटी में 12,279 सीटें, 31 एनआईटी में 18,602, 24 ट्रिपलआईटी में 4023 और 24 केंद्रीय तकनीकी संस्थानों में 4703 सीटें हैं। इन्हें और 10 प्रमुख विश्वविद्यालयों को मिलाकर 40 हजार सीटें मिली हैं, जिन्हें प्रतिष्ठित मानते हैं। बाकी विद्यार्थी निजी कॉलेजों में प्रवेश ले लेते हैं।इसके अलावा  कुछ फिर आईआईटी की कोचिंग करते हैं। कई निजी कॉलेजों की 75 फीसदी तक सीटें खाली रह जाती हैं। स्थिति यह है कि कॉलेज बंद हो रहे हैं या जीरो सेशन चला रहे हैं। डिग्री लेकर निकले इंजीनियरों को  उचित नौकरी तक नहीं मिल पा रही है। 60 फीसदी से अधिक इंजीनियर बैंक क्लर्क, रेलवे, पटवारी जैसी परीक्षाओं के लिए आवेदन कर रहे हैं तो संविदा तक पर काम करने को राजी हो रहे हैं।

स्टेनोग्राफर के पदों पर वैकेंसी, मिलेगा आकर्षक वेतन

AIIMS Patna : इन पदों पर बंपर जॉब ओपनिंग, जानिए आयु सीमा

मैनेजमेंट ट्रेनी के पदों पर वैकेंसी, ये है लास्ट डेट

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -