नई दिल्ली। देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की खस्ता हालत के आरोप अक्सर लगते रहते है। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलो के बच्चो को एक नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यमन हमले में इस्तेमाल हुआ बम अमेरिकी था, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
दरअसल दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों और उनके अभिवावकों ने विद्यालय और दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इन विद्यालओं में कक्षा 10 वी में फेल हो चुके छात्रों को दोबारा एडमिशन नहीं दिया जा रहा है। अभिवावकों का आरोप है कि ये विद्यालय 12वी कक्षा में अपना रिजल्ट सुधारने के लिए ऐसा कर रहे है। लेकिन रिजल्ट सुधारने के चक्कर में वो बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है।
दिल्ली के अखिल भारतीय अभिभावक संघ (एआईपीए) के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल के मुताबिक, 2018 में दिल्ली के सरकारी स्कूलो के 1.36 लाख छात्रों ने दसवीं की परीक्षा दी थी जिनमे से 42503 छात्र फेल हो गए थे। अशोक अग्रवाल ने कहा कि फेल होने वाले सभी छात्र उसी सरकारी स्कूल में अगले सत्र में एडमिशन लेने के हकदार हैं। लेकिन इसके बावजूद विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं दिया जा रहा है।
ख़बरें और भी
पाकिस्तान : मुस्लिम टीचर को हिन्दू बच्चे कहते 'जय श्री राम' फिर होती है पढाई शुरू
केरल बाढ़ : आखिर क्यों एक कागज के लिए फंदे पर झूल गया देश का भविष्य ?
महान मिल्खा के स्थान पर अपनी फोटो देखकर भड़के फरहान अख्तर, दिया करारा जवाब