राजस्थान की 246 अनाज और कृषि उपज मंडियों में निरंतर 4 दिन कामकाज बंद है. मंडियों में कामकाज बंद रहने से 2000 करोड़ रुपए के व्यापार पर असर है. केंद्र गवर्नमेंट के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश-2020 के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शन से चार लाख लोगों की आजीविका पर असर है. व्यापारी अब राज्य के सभी सांसदों और एमएलए को अपना मांगपत्र सौंप कर केंद्र पर दबाव बनाने की मांग उठा रहे हैं.
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राजस्थान की 246 मण्डियों का व्यापार 4 दिन से बंद है. राजस्थान के सभी 200 एमएलए को संबंधित मण्डियों के पदाधिाकरी ज्ञापन दे रहे हैं. जयपुर के विधायकगणों को भी ज्ञापन भिजवाये गये हैं. उन्हें मांगपत्र में कहा हैं कि राजस्थान की मण्डियों में अन्य प्रदेश की अपेक्षा किसान को अधिक विश्वास है. किसान मण्डी में माल लाकर बेचने में प्रसन्न हैं.
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बता दे कि भारत गवर्नमेंट के अध्यादेश 05-06-2020 के द्वारा मण्डियों के बाहर मण्डियों में लगने वाला मण्डी फीस जो वर्तमान में गेहूँ, धान, जौ, दलहन, मसाले तथा कपास पर 1.60 प्रतिशत; तिलहन पर 1 प्रतिशत; तथा ज्वार, मक्का, बाजरा तथा जीरा व ईसबगोल पर 0.50 प्रतिशत देय हैं और इसके साथ कृषक कल्याण फी 1 प्रतिशत देय हैं; को समाप्त कर दिया है. इसलिये मण्डी में कृषि जिन्स के क्रय विक्रय पर भी मण्डी फीस तथा कृषक कल्याण फीस खत्म करनी चाहिये. पर चूंकि मण्डियों के मेन्टीनेन्स, प्रशासनिक खर्च तथा वांछित आवश्यक विकास के लिये धन की जरूरत होगी. इसके लिए आठ ऑप्शन राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की तरफ से दिए गए हैं.
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