कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए पंजाब सरकार ने अपने दफ्तरों-संस्थानों में कर्मचारियों की उपस्थिति के बारे में ऑल्टरनेट डे (वैकल्पिक दिन) फार्मूला लागू करने का फैसला किया है. अब कर्मचारी एक दिन छोड़कर ड्यूटी करेंगे. 50 फीसदी कर्मचारी पहले दिन आएंगे. दूसरे दिन बाकी बचे पचास फीसदी कर्मचारी आफिस आकर ड्यूटी करेंगे.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब तक दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों एक हफ्ते आफिस आकर ड्यूटी करता था तो अगले हफ्तेभर बचे हुए कर्मचारी. दफ्तरों में इस नई उपस्थिति व्यवस्था के बारे में सभी विभाग प्रमुखों को 19 जून तक कामिक विभाग को सूचित करने को कहा गया है. राज्य के कार्मिक विभाग की पॉलिसी शाखा-2 की ओर से मुख्य सचिव द्वारा बुधवार को राज्य के सरकारी दफ्तरों-संस्थानों के सुरक्षित संचालन के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए.इससे पहले 11, 18 अप्रैल और 25 मई को जारी दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुख्य सचिव स्तर पर हुई बैठकों में कुछ विभागों के प्रबंध सचिवों ने 50 फीसदी स्टाफ हफ्तावार बैच के रूप में बुलाने के बजाय अल्टरनेट डे के रूप में बुलाने का सुझाव दिया था. इस बारे में विभाग प्रमुख अपने स्तर पर फैसला लेकर प्रसोनल विभाग को सूचित करें.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि कुछ विभागों के प्रबंध सचिवों ने जरूरत पड़ने पर 50 फीसदी से ज्यादा स्टाफ को दफ्तर बुलाने का भी सुझाव रखा था. इस पर फैसला लिया गया है कि अगर विभाग प्रमुख को लगता है कि काम ज्यादा है और हर रोज 50 फीसदी से ज्यादा मुलाजिम दफ्तर बुलाने जरूरी हैं तो उपस्थित होने वाले कर्मचारियों की टीमें बनाई जाएं और इन टीमों के बीच दफ्तरी समय में कोई भी फिजिकल तालमेल स्थापित न हो. विभाग प्रमुख यह यकीनी बनाएंगे कि किसी कर्मचारी के कोविड पॉजिटिव होने से ऐसी स्थिति न बने कि पूरा दफ्तर बंद करना पड़े.
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