रिश्तो के टूटते तार, लगातार - परिवार न्यायालयो के आकड़े बने गवाह
रिश्तो के टूटते तार, लगातार - परिवार न्यायालयो के आकड़े बने गवाह
Share:

विवाह किसी भी धर्म की सबसे एक पावन रस्मो में शामिल है. दो परिवार, दो अलग परिवेश कई बार दो अलग देश के भी लोग इस संस्कार के द्वारा आपस में एक अटूट बंधन से जुड़ जाते है. युवा अवस्था के बाद मनुष्य के जीवन का सबसे खुशनुमा लम्हा विवाह ही होता है. जब दो अजनबी जिंदगी के सफर पर एक साथ निकलते है तो वही जिंदगी भी शुरू हो जाती है. जीवन के सुख-दुःख, हसी-ख़ुशी सब में एक साथ रहने के वादे जब अचानक बीच में टूट जाते है.

दिल टूट जाते है, जीवन बिखर जाता है और दूर-दूर तक बस अंधकार और सिर्फ अंधकार ही दिखाई देता है. आपसी सांमजस्य में इस कदर आ गई है की पति-पत्नी घर से ज्यादा अदालतों में मिल रहे है. परवर न्यायालयों में बढ़ती भीड़ इसकी खुद गवाह है. अच्छी भली चल रही जिंदगी में अचानक ऐसा क्या हो जाता है की सब कुछ तहस-नहस करने को ही जिंदगी का सुकून मान लिया जाता है. अपने अहंकार को सही ठहरने की जिद में कई जिंदगियों को आहुतिया दी जाती है. मासूमो का तो ख्याल ही नहीं रहता. क्योकि ईगो सेटिस्फाई करने की कथित लालसा कुछ सोचने समझने की शक्ति क्षीण कर देती है.

देश भर के आकड़े भयावह रूप से इस और इशारा कर रहे है कि रिश्ते कहा और किस ओर जा रहे है. उदाहरण के तोर पर अकेले झारखण्ड जैसे छोटे से राज्य में 1666 मामले फैमिली कोर्ट में है. आलम ये है कि कोर्ट में शादी से कई गुना ज्यादा तलाक कि अर्जिया आ रही है. सोचना ये है कि ये सिलसिला कब और कहा रुकेगा.

 

अगस्ता वेस्टलैंड मामले के आरोपी जसपाल सिंह गुजराल को मिली जमानत

सरकार ने वापस लिया सीएम योगी पर लगा प्रकरण

क्रिसमस पर लेडी सिंघम बनीं सेंटा

अपनी जीवनशैली और अक्खड़पन का शिकार हुए माल्या

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -