दुनिया में कोरोना महामारी के कारण 25 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं दूसरी ओर इसके कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या एक लाख 78 हजार से ज्यादा हो चुकी है. भारत में लॉकडाउन का एक महीना आज पूरा हो रहा है. दस से बीस हजार मामलों तक पहुंचने में आठ दिन यहां लगे हैं. ऐसे में आंकड़ों पर गौर करके ही बेहतर रणनीति तैयार की जा सकती है. प्रति दस लाख मामले, मृत्यु दर, महामारी से लड़ कर वापसी करने वाले लोगों के ग्राफ से इसे आसानी से समझा जा सकता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दुनिया में कोरोना संक्रमण के पुष्ट मामलों में भारत का स्थान 17वां है. प्रति व्यक्ति देखें तो यह संकट कम गंभीर है. अप्रैल 22 को भारत में प्रति दस लाख लोगों पर 15 मामलों की पुष्टि हुई है. वहीं पर अमेरिका में यह आंकड़ा 2475 पहुंच गया है. पश्चिमी देशों में स्थिति ज्यादा गंभीर कुल मामलों की तुलना में पुष्ट मामलों की संख्या कम है. इसका मुख्य कारण टेस्ट कम होना है.
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इस मामले को लेकर विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 से मरने वाले लोगों की दर यह सही तरह से नहीं बताती है कि यह महामारी कितनी मारक है और यह कितनी तेजी से अपना प्रसार कर रहा है. कई मामले तो सामने ही नहीं आ पाते हैं. इसके साथ ही मृत्यु दर कई और कारकों पर भी निर्भर करती है, जिसमें इलाज की सुविधाएं, अलग-अलग स्थान और संक्रमित लोगों की जनसांख्यिकी शामिल है.
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