कथाकार पंडित मिश्रा ने कहा सारी समस्या का हल एक लौटा जल
कथाकार पंडित मिश्रा ने कहा सारी समस्या का हल एक लौटा जल
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इंदौर। सीहोर वाले प्रसिद्ध कथाकार पहली बार प्रेस कार्यक्रम में पहुंचे,कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला रहे मौजूद, सबसे पहले उन्होंने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी महाकालेश्वर ओंकारेश्वर के मध्य देवी अहिल्या की पावन धरा पर इंदौर की नगरी को धन्यवाद। इस दौरान उन्होंने मीडिया के द्वाराकिये जा रहे काम को लेकर कहा कि दुनिया मे सबसे ज्यादा प्रिय,पत्रकार होते है, कलम में इतनी ताकत होती है जो देश को बदल सकता है।

श्रद्धा आफताब लव जिहाद में हुए 35 टुकड़ो पर बोले उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं संस्कारों की कमी है ऐसा नहीं है कि माता-पिता बच्चों का ध्यान नहीं रखते हैं अगर बच्चों का माता-पिता ध्यान नहीं रखते तो श्रद्धा के टुकड़े कितने हुए यह मालूम नहीं पड़ता पिता के मन में भाव जागृत हुआ कि मेरे बेटी आखिर है कहां बस जिस पिता ने थोड़ा समय निकालने के बाद बेटी की याद आए वही पिता यदि 2 या 3 दिन के पूर्व ही याद कर लेता तो उनको अपनी श्रद्धा वापस जीवित मिलती कहीं ना कहीं हमारे संस्कार और हमारे पोषण तत्व हमको वहां तक नहीं पहुंचने देता आज पूरे इंदौर में हर माता-पिता अपने बच्चों को संस्कार देने में पीछे नहीं हटते लेकिन बच्चों को तब सिखाना चाहते हैं जब बच्चा उस उम्र में देखना नहीं चाहता है पंडित मिश्रा ने कहा कि बांस यदि गीला हो तो वह नम जाएगा लेकिन सूख जाएगा तो वह टूट जाता है,वही उन्होंने कहा कि क्राइम को प्रशासन कभी नहीं रोक सकती है क्राइम को केवल हमारे संस्कार ही रोक सकते हैं जो हम बच्चों को देंगे पंडित मिश्रा ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के नव युवकों को रोकने के लिए कहीं ना कहीं आडंबर कि नहीं आज युवकों को चाहिए मार्गदर्शन चाहिए और अच्छा मार्गदर्शन मिल जाए और अच्छे योग प्राप्त हो जाए तो निश्चित ही नवयुवक अच्छे मार्ग पर चलेंगे।
वहीं राजनीतिक नेताओं के उनके पास जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक कथाकार के चरणों में जाते हैं ऐसा नहीं है लेकिन धर्म में राजनीति को राजनीति में धर्म शुरू से ही चलते आ रहा है यह निरंतर का भाव है कि किसी न किसी रूप में जहां धर्म है वहां राजनीतिक चलता ही है और सदा से चलता रहा है हम कैसे देख कर भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं तो उसमें मन में अहंकार होता है और जब हम धर्म की लाइन में धक्का लगाकर पहुंचते हैं तो वहां पर विश्वास बढ़ जाता है कि मुझे भगवान का दर्शन हुआ है

सीहोर वाले प्रसिद्ध कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मैं तो केवल इतना कहना चाहूंगा कि कई बार में व्यासपीठ से भी कहता हूं कि कर्मों का फल मनुष्य को भोगना पड़ता है संसार के प्रत्येक व्यक्ति को मरना निश्चित है अपने पूर्व के कर्मों का फल भोगने के लिए व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए उन्होंने कहा कि आज कई लोग जेल के अंदर भी पड़े हैं जो आडंबर भी करते हैं क्योंकि उनका समय थोड़ा सा रहता है शिव महापुराण में बेल पत्री शहद और काली मिर्च का क्या महत्व है हमारे पुराणों में वर्णित है लोगों को अभी तक यह भी ज्ञात नहीं था कि भगवान शंकर के 13 बच्चे थे लेकिन लोगों को केवल दो ही बच्चे याद है गणेश जी और भगवान कार्तिकेय पुराण संबंधित चीजें अपने आप चमत्कार करती हैं  लेकिन कर्म आपको करना पड़ेगा इसमें कोई सीहोर  वाला महाराज या कोई अन्य महाराज कुछ नहीं कर सकता है 

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