ब्रह्मचारी होकर भी श्री हनुमान ने किये थे तीन विवाह
ब्रह्मचारी होकर भी श्री हनुमान ने किये थे तीन विवाह
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हनुमान जयंती का पर्व हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है. ऐसे में आज हनुमान जयंती के दिन हम आपको उनसे जुडी वह बात बताने जा रहे हैं जिसे आपने कभी नहीं सुना होगा. आप जानते ही हैं कि हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा गया है लेकिन उन्होंने एक नहीं बल्कि तीन-तीन विवाह किए थे और आज हम आपको उन्ही विवाहों के बारे में बताने जा रहे हैं. कहा जाता है शास्त्र पाराशर संहिता के अनुसार सूर्यदेव से संपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने हेतु हनुमान जी का पहला विवाह सूर्यपुत्री सुर्वचला से हुआ था.

जी हाँ और इसके बाद हनुमान जी का दूसरा विवाह लंकापति रावण की पुत्री अनंगकुसुमा से हुआ था. जी हाँ, यह बातें बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन अगर आप नहीं जानते तो पढ़ लीजिए. कहते हैं शास्त्र पउम चरित के अनुसार जब रावण और वरुण देव के बीच युद्ध हुआ तो हनुमान जी ने वरुण देव की ओर से युद्ध किया और लंकापति को पराजित कर उसके सभी पुत्रों को बंदी बना लिया. उस दौरान युद्ध में अपनी पराजय के बाद रावण ने अपनी पुत्री अनंगकुसुमा का विवाह केसरी नन्दन से कर दिया.

इसी के साथ वरुण देव और रावण के बीच हुए युद्ध में हनुमान जी वरुण देव के प्रतिनिधि थे इस कारण से अपनी जीत से खुश होकर उन्होंने मारुति का विवाह अपनी पुत्री सत्यवती से कर दिया. कहा जाता है हनुमान जी ने कहने के लिए तो तीन-तीन विवाह किये थे लेकिनउन्होंने कभी भी अपनी पत्नियों के साथ वैवाहिक जीवन का निर्वाह नहीं किया और आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया. जी हाँ, इसी वजह से उन्हें ब्रह्मचारी कहा जाता है.

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