भोपाल. प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिंदी सम्मलेन का आगाज हुआ है। देश दुनिया के कई महान विद्वान इस सम्मलेन में बढ़ चढ़कर भाग ले रहे है। हर कोई अपनी भाषा का गुणगान कर रहा है। कोई अपने भविष्य को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हिंदी सीखना चाहता है, तो कोई परिवार में स्नेह और जगह पाने के लिए हिंदी सीखना चाहता है। ऐसा ही एक अनोखा और दिल में उत्तर जाने वाला मामला आपको बता रहे है।
हाॅलैंड की एहने वाली पेत्रा डेक्कर जो की नर्सिंग में स्नातक कर चुकी है। 5 साल पहले अपने शैक्षणिक दौरे पर कॉलेज ग्रुप के साथ भारत आई थीं। ताजमहल देखने का मन था। दिल्ली से आगरा तक का सफर करना था। जिस ट्रेवल एजेंट ने गाड़ी का इंतजाम किया, उससे नज़रे मिली और प्यार गया। उसी ने ताजमहल की प्रेम कहानी बताई। हाॅलैंड पहुचने के बाद भी वह ट्रेवल एजेंट से संपर्क में रहीं।
उसकी आँखों के आगे से ताजमहल और उस ट्रेवल एजेंट की तस्वीर हटने का नाम नही ले रही थी। फिर वह एक साल पहले दिल्ली आई और ट्रेवल एजेंट से शादी कर ली। पेत्रा बताती हैं कि उसे अब यहाँ बहुत अच्छा लगता है और भारत से जाने का मन नहीं होता। उसे अपने सास-ससुर के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है। पति से अंग्रेजी में बात कर लेती हूं लेकिन सास से बात करने के लिए हिंदी सीख रही हूं। उसने हाल ही में केंद्रीय हिंदी संस्थान में दाखिला लिया है।