ईरान के स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने पर लगी रोक
ईरान के स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने पर लगी रोक
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तेहरानः अंग्रेजी भाषा को लेकर भले ही भारत में कितना भी जोर दिया जाता हो लेकिन ईरान ने अपने देश के प्राथमिक विद्यालयों में अंग्रेजी पर रोक लगा दी है। ईरान के एक वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी ने घोषणा करते हुए बताया कि प्राथमिक स्तर की शिक्षा में ईरानी संस्कृति को बनाए रखने और उस पर किसी भी तरह के सांस्कृतिक हमले से बचाने के लिए अंग्रेजी भाषा को प्रतिबंधित किया गया है। ईरान के सरकारी उच्च शिक्षा परिषद प्रमुख, मेहंदी नवीद अदम ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में कहा, 'आधिकारिक पाठ्यक्रम के मुताबिक, सरकारी और गैर-सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अंग्रेजी को पढ़ाना कानून के खिलाफ है।'

ऐसा इसलिए है क्योंकि प्राथमिक शिक्षा में बच्चों के अंदर ईरानी संस्कृति का आधार तैयार किया जाता है। बता दे कि ईरान में फारसी आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा है, वहां बच्चों की पढ़ाई छह साल की उम्र से शुरू होती है। पढ़ाई शुरू होने के छह साल तक इस स्कूलों में पढ़ाया जाता है। ईरान के ज्यादातर स्कूलों में अंग्रेजी को माध्यमिक स्कूलों में ही पढ़ाया जाता है। यहां आम तौर पर 12 से 14 साल बच्चे ही भाषा को पढ़ते हैं। लेकिन ईरान में कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां प्राथमिक स्कूलों में भी अंग्रेजी पढ़ाई जाता है। इसी का मुख्य रूप से विरोध हो रहा है।

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