कनाडा से वापस बुलाए गए भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा का बयान

कनाडा से वापस बुलाए गए भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा का बयान
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कनाडा में भारत के पूर्व राजदूत संजय कुमार वर्मा ने शुक्रवार (25 अक्टूबर, 2024) को बताया कि वहां रहते हुए उनके साथ क्या हुआ और किस तरह का व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि कनाडा के अल्बर्टा में एक खालिस्तानी समर्थक ने उनके ऊपर हमला किया था। उस व्यक्ति ने वर्मा के सामने एक तलवार तान दी थी, जो उनके शरीर के बहुत करीब आ गई थी।

तलवार का हमला

संजय कुमार वर्मा ने कहा, “कई बार खालिस्तानी समर्थक लोग मुझे शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत करीब आ जाते थे। उनके पास कोई कृपाण नहीं थी, बल्कि वे एक तलवार लेकर आए थे। जब मैं अल्बर्टा में था, तो तलवार मेरे शरीर से सिर्फ 2 से 2.5 इंच दूर थी।” यह घटना वर्मा के लिए बहुत डरावनी थी और उन्होंने इसे गंभीरता से लिया।

निज्जर की हत्या की जांच में संलिप्तता

संजय कुमार वर्मा ने यह भी बताया कि जून 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के दौरान कनाडा सरकार ने उन्हें पर्सन ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया था। निज्जर को भारत सरकार ने खालिस्तानी आतंकवादी माना था। कनाडा द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई किए जाने से पहले, भारत सरकार ने वर्मा और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया। इन राजनयिकों को भी निज्जर की हत्या की जांच में शामिल किया गया था।

कनाडा में खालिस्तान का व्यवसाय

वर्मा ने कहा कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक लोगों ने इसे एक व्यवसाय बना लिया है। वे इस नाम पर मानव तस्करी, नशीले पदार्थों की तस्करी, और हथियारों की तस्करी जैसे अवैध काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे गुरुद्वारों के माध्यम से भी पैसे कमा रहे हैं, और उस पैसे का कुछ हिस्सा अपने गलत कामों में इस्तेमाल कर रहे हैं।

राजनीतिक समर्थन और समाज का ध्यान

वर्मा ने एक उदाहरण देते हुए कहा, “जो बच्चा सबसे ज्यादा रोता है, उसे सबसे पहले उसकी मां खाना खिलाती है। ठीक इसी तरह, भले ही ये खालिस्तानी मुट्ठी भर हों, वे सबसे ज्यादा चिल्लाते हैं और कनाडा के राजनीतिक समर्थकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं।”

भारत और कनाडा के रिश्ते

भारत और कनाडा के बीच हाल के समय में तनाव बढ़ गया है, खासकर जब से भारत ने खालिस्तानी आतंकवाद पर सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। ऐसे में वर्मा का यह बयान दोनों देशों के बीच के हालात को और स्पष्ट करता है। इस तरह की घटनाएं भारत के लिए चिंता का विषय बन गई हैं, और उम्मीद है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर उचित कदम उठाएगी।

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