रविवार को आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ सात अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली.ये मंत्री पिछली बार भी केजरीवाल की केबिनेट का हिस्सा थे. शपथ के बाद उन्होंने दिल्लीवासियों को संबोधित भी किया. इस भाषण के अंत में उन्होंने पिछली बार की तरह एक गीत भी सुनाया. ये गीत था हम होंगे कामयाब एक दिन. पिछली बार उन्होंने मंच से इंसान का इंसान से हो भाईचारा सुनाया था.
दिल्ली वालों को मेरा नमस्कार और प्रणामआपके बेटे ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली. ये एक-एक दिल्ली वाले की जीत है मां, बहन और युवा और विद्यार्थी की जीत है. बीते पांच वर्षों में सरकार की यही कोशिश रही है कि हर एक दिल्ली वालों के जीवन में खुशहाली ला सकें. इस बार भी आने वाले पांच वर्ष दिल्ली तेजी से विकास करने में लगेंगे.
सभी अपने गांव में फोन कर देना की हमारा बेटा फिर सीएम बन गया है अब चिंता की कोई बात नहीं है.आज शपथ के बाद मैं आप कांग्रेस और भाजपा को वोट देने वालों का भी मुख्यमंत्री हूं.
बीत पांच वर्षों में किसी के साथ सौतेला व्यवहार नहीं किया है. हर किसी का काम किया है। आने वाले पांच वर्षों में भी यह ऐसे ही जारी रहेगा. दिल्ली के दो करोड़ लोग मेरे परिवार का हिस्सा हैं। कोई काम हो तो मेरे पास आना सभी का काम होगा. बिना ये जाने की कौन किस धर्म का है जाति का हो.
मै अकेला दिल्ली में हर बड़ा काम नहीं कर सकता हूं इसमें आपका साथ चाहिए. चुनाव अब खत्म हो गया है इस दौरान कई तरह की भाषणाबजी हुई. जिन्होंने हमारे ऊपर आरोप लगाए उन्हें हमनें माफ कर दिया है. विरोधियों से अपील है कि वह भी सब बातों को भूल कर दिल्ली के विकास में भागीदार बनें.
दिल्ली की केंद्र सरकार के साथ हम मिलकर हम काम करेंगे. हमनें पीएम नरेंद्र मोदी को भी इस कार्यक्रम में न्यौता भेजा था. लेकिन वो आ नहीं पाए लेकिन हम उनका भी आर्शीवाद चाहते हैं ताकि हम देश और दिल्ली का विकास कर सकें.
24 घंटे बिजली, सस्ती बिजली की राजनीति अच्छी सड़कें, भ्रष्टाचार मुक्त, महिलाओं को सुरक्षा देने की राजनीति इस चुनाव से शुरू हुई है. अब इस नई राजनीति का डंका पूरे देश में बज रहा है. अब दिल्ली का मॉडल हर कोइ्र अपना रहा है. पूरे देश में डंका बजाना होगा. अब दूसरे राज्योंं के लोग भी अपनी सरकारों को कहने लगे हैं कि दिल्ली की तरफ देखो.
दिल्ली के लोगों ने देश की राजनीति को बदल दिया है. दिल्ली को यहां के टीचर, डॉक्टर आटोवाले, रिक्शा वाले, स्टूडेंट, बस ड्राइवर, कंडेक्टर, रेहड़ी वाले चलाते हैं। यही दिल्ली के निर्माता हैं. नेता आते जाते रहते हैं लेकिन दिल्ली इन्हीं की वजह से आगे बढ़ती रहती है.
मां का प्यार फ्री, पिता का बच्चे को आगे बढ़ाने की कोशिश फ्री होती है, केजरीवाल का दिल्ली के लिए प्यार भी फ्री ही है. पढ़ाई के नाम पर, अस्पतालों में मरीजों से फीस ली जाए तो लानत है मेरे जीवन पर.
ऐसा समय आएगा जब पूरी दुनिया में भारत का डंका बजेगा. ये इसी राजनीति से होगा जिसकी शुरुआत दिल्ली से हुआ है. हम होंगे कामयाब का गाना गाया. लोगों ने भी उनका साथ दिया.
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